उन्होंने यह भी कहा कि कर और जांच एजेंसी आतंकवाद जो निजी निवेश को रोक रहा है और उद्यमियों के पलायन का कारण बन रहा है, उसे खत्म करना होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दिसंबर के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि पिछले महीने जीएसटी संग्रह प्राप्तियां साढ़े तीन साल में दूसरी सबसे धीमी गति से बढ़ी हैं।
उन्होंने दावा किया, “रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह घटकर 3.3 फीसदी रह गया, जो वित्त वर्ष 2025 में सबसे कम है। यह कई मोर्चों पर चिंताजनक खबर है।”
रमेश ने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में जीएसटी संग्रह में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
उन्होंने कहा, “बजट अनुमान में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। राजस्व संग्रह में यह मंदी सरकार के लिए मनरेगा जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम में और कटौती करने का औचित्य नहीं हो सकती है, ऐसे समय में जब ग्रामीण मजदूरी स्थिर हो गई है और खपत में कमी आई है।” कहा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके बजाय सरकारी व्यय को अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।