नबन्ना अभिजन: ममता के लिए सिरदर्द बन गया है नबन्ना, जानिए क्या है ये?

  • पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले पर हंगामा
  • छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए नबन्ना अभिभाषण दिया
  • नबन्ना (राज्य सचिवालय) तक मार्च का आह्वान किया।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले पर पश्चिम बंगाल में हंगामा मचा हुआ है. छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए मंगलवार, 27 अगस्त को कोलकाता में ‘नबन्ना अभिजन’ या नबन्ना (राज्य सचिवालय) तक मार्च का आह्वान किया है। देखते ही देखते पूरा इलाका किले में तब्दील हो गया है.

बीजेपी ने इस विरोध का समर्थन किया है

साथ ही बीजेपी ने भी इस विरोध का समर्थन किया है. इस प्रदर्शन को देखते हुए कोलकाता में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. टीएमसी ने इस प्रदर्शन को बीजेपी की साजिश करार दिया है. कोलकाता पुलिस के मुताबिक, ‘नबन्ना अभियान’ के मद्देनजर शहर में 6000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. बन्ना भवन के बाहर कोलकाता पुलिस और हावड़ा सिटी पुलिस का 3 स्तरीय सुरक्षा घेरा है. विद्यार्थियों के लिए इससे पार पाना बहुत कठिन है।

नबन्ना अभिजन क्या है?

पहले बंगाल सचिवालय रॉयटर्स बिल्डिंग में था. लेकिन जब 2011 में ममता बनर्जी सत्ता में आईं तो उन्होंने हावड़ा में हुबली नदी के किनारे स्थित इमारत को सचिवालय में बदल दिया और इसका नाम नबान्न रखा. नब का मतलब नया होता है. बीजेपी ने ममता सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को नबन्ना चलो अभियान का नाम दिया है. इसके बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने भी नबन्ना अभियान चलाया.

ममता सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को नबन्ना चलो अभियान नाम दिया गया है

ज्ञात हो कि नबन्ना एक इमारत है, जो हावड़ा में है। इसे साल 2013 में लॉन्च किया गया था और यह 14 मंजिला इमारत है। यहां मुख्यमंत्री का कार्यालय सबसे ऊपरी मंजिल पर है और माना जाता है कि मुख्य और गृह सचिव का कार्यालय 13वीं मंजिल पर है। चौथी और पांचवीं मंजिल पर कई विभाग हैं।

कोलकाता की घटना से भी पीछा नहीं छूटा

9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. छात्रा के परिवार का आरोप है कि अस्पताल के प्रिंसिपल (जो उस समय संदीप घोष थे) और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें फोन पर बताया कि ‘उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है.’ इस घटना के सामने आने के बाद ममता सरकार लगातार सवालों के घेरे में है. अब छात्रों ने नबन्ना मार्च बुलाकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

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