राजस्थान के उत्कृष्टता केंद्र स्वदेशी पेड़ों को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु नर्सरी मॉडल का अध्ययन करेंगे

राजस्थान में उत्कृष्टता के कृषि केंद्र राज्य की जलवायु के लिए उपयुक्त स्वदेशी पेड़ों के रोपण को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु के नर्सरी मॉडल का अध्ययन करेंगे। ये केंद्र आधुनिक खेती और उन्नत बागवानी उत्पादन तकनीकों का प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

तमिलनाडु के नर्सरी मॉडल में ग्रीन तमिलनाडु मिशन के तहत नर्सरी शामिल हैं, जो एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से देशी पेड़ों और पौधों के रोपण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जहां व्यक्ति पास की नर्सरी से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे खरीद सकते हैं। इस पहल ने दक्षिणी राज्य में पर्यावरणीय स्थिरता और वनीकरण प्रयासों में योगदान दिया है।

कृषि एवं बागवानी सचिव राजन विशाल ने यहां कहा कि उत्कृष्टता केंद्रों ने किसानों की आय बढ़ाने में मदद की है और उच्च क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। श्री विशाल ने सप्ताह के अंत में जयपुर जिले के बस्सी के पास ढिंढोल में राजस्थान राज्य बीज निगम के फील्ड सेंटर, जैतून खेती केंद्र और अनार उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया।

श्री विशाल ने कहा कि उत्कृष्टता केंद्रों को फसलों की सिंचाई के लिए वर्षा जल संचयन की पहल करनी चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में वन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई एवं मल्चिंग विधि से जल संरक्षण की जानकारी प्राप्त कर कृषकों के प्रशिक्षण मॉड्यूल का अवलोकन किया।

ढिंढोल के उत्कृष्टता केंद्र में ग्रीन हाउस, शेड हाउस, नर्सरी ब्लॉक, मदर ट्री ब्लॉक और ऑटोमेशन यूनिट सहित आधुनिक वनस्पति प्रसार संरचनाओं की एक पूरी श्रृंखला है। श्री विशाल ने संरचनाओं का निरीक्षण किया और स्थल पर उगाए जा रहे पौधों और सब्जियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

कृषि एवं बागवानी सचिव ने कहा कि ढिंढोल में अनार उत्कृष्टता केंद्र गहन बागवानी और ग्रेडिंग, किसानों के लिए पैकिंग और कृषि प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की गतिविधियों में लगा हुआ है। श्री विशाल ने कहा, “इस तरह की गतिविधियों से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उगाने में मदद मिलेगी और बागवानों को जल प्रबंधन, प्रजनन और खेती के तकनीकी उन्नयन में सहायता मिलेगी।” (ईओएम)

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