हरिओम महाराज यानि बोतल वाले बाबा कौन हैं? कानपुर के हरिओम महाराज, जिन्हें अक्सर "बोतल वाला बाबा" के नाम से जाना जाता है, एक स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु हैं, जो आध्यात्मिक उपचार के रूप में पानी और लौंग के द्वारा लोगों का ईलाज करते हैं। वे अपने उपचार के असामान्य तरीकों के कारण कानपुर क्षेत्र में प्रमुखता से उभरे हैं। जिसमें उनके अनुयायियों को "पवित्र प्रसाद" के रूप में पानी की बोतलें देना शामिल है। उनका दावा है कि पानी में जब उनके इष्ट की कृपा होती है तो बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
उनके दरबार ने सभी अनुयायियों को आकर्षित किया है जो उनकी उपचार क्षमताओं में लोग विश्वास करते हैं। उन्होंने काफी विवाद भी पैदा किया है। आलोचकों का तर्क है कि धर्म के नाम पर पानी के द्वारा लोगों का ईलाज करना सही नहीं है। खासकर भारत जैसे देश में लोग डाक्टरों के पास न जाकर बाबाओं के पास जाते हैं। कुछ लोग उन पर व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों की आस्था का शोषण करने का भी आरोप लगाते हैं।
इतना आलोचना होने के बावजूद, हरिओम महाराज के दरबार में लोगों जमावड़ा लगा रहता है। जो लोग उनसे उपचार के लिए उनसे संपर्क करते हैं वे लोग दूर दूर से उनके दरबार में आते हैं । कानपुर और उसके बाहर उनकी प्रसिद्धि में काफी वृद्धि हुई है।
"हरिओम महाराज," जिन्हें अक्सर "बोतल वाला बाबा" के रूप में जाना जाता है, भारत में एक स्वघोषित धर्म गुरु हैं, जो शारीरिक और मानसिक बीमारियों का उपचार करते हैं। उनके अनुयायियों का दावा है कि उनके अनुष्ठानिक प्रसाद के हिस्से के रूप में पानी को फूंक मारकर दिया जाता है। इसके द्वारा लोगों को अपनी समस्याओं से उबरने में मदद मिलती है।
हरिओम बाबा का "कार्य" कैसे संचालित होता है?
हरिओम महाराज शनिवार और मंगलवार को दरबार लगाते हैं। जहाँ वे "प्रसाद" के रूप में पानी फूंक कर देते हैं । भक्त इस पानी का सेवन इस विश्वास के साथ करते हैं कि यह उके शरीर की सारी बीमारी ठीक करेगी।
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